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एलोपैथी का यह नाम होम्योपैथी के जन्मदाता सैमुएल हैनीमेन ने दिया था जिनका यह नाम देने का आशय यह था कि प्रचलित चिकित्सा-पद्धति (अर्थात एलोपैथी) रोग के लक्षण के बजाय अन्य चीज की दवा का काम करता है।
आधुनिक चिकित्सा विज्ञान को एलोपैथी (Allopathy) या एलोपैथिक चिकित्सा पद्धति (Allopathic medicine) कहते हैं।
एलोपैथिक दवाइयां अपना असर एक-दो घंटे में ही दिखाना शुरू कर देती है कुछ दवाइयों को लंबे समय तक लेना पड़ता है. एलोपैथिक दवाई अपना असर बहुत जल्दी दिखाती है और दवाईयों से हमें कोई भी एलोपैथिक दवाई डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेनी चाहिए
शुरुआत में लोग इलाज के इसके तरीकों से दूर भागते लेकिन कुछ ही समय में ये लोकप्रिय विधा हो गई. इसे आधुनिक या पश्चिमी चिकित्सा विज्ञान भी कहते हैं. कई बार इसे ऑर्थोडॉक्स मेडिसिन भी कहा जाता है. इसके तहत डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट, और दूसरे हेल्थकेयर प्रोफेशनल डिग्री-डिप्लोमा लेकर और फिर लाइसेंस लेकर प्रैक्टिस कर सकते हैं.
ट्रीटमेंट के इस दायरे को बढ़ाकर देखें तो इसके तहत एंटीबायोटिक, ब्लड प्रेशर से जुड़ी दवाएं, डायबिटीज की दवा, कीमोथैरेपी जैसी चिकित्सा विधियां अपनाई जाती हैं. हॉर्मोन से जुड़ी समस्याओं का इलाज भी एलोपैथी में खूब होता है. ये तो वे दवाएं हुईं, जिन्हें चिकित्सक अपने प्रिस्क्रिप्शन में लिखता है.
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